मुख्य सचिव सहित बिजली बोर्ड को हाईकोर्ट कड़ा नोटिस, करोडो के घोटाले का लगा आरोप

मुख्य सचिव सहित बिजली बोर्ड को हाईकोर्ट कड़ा नोटिस, करोडो के घोटाले का लगा आरोप

शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बिजली के खराब मीटर बदलने में हुए करोड़ों रुपये के कथित घोटाले में कड़ा संज्ञान लिया है। खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित बिजली बोर्ड को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने बिजली बोर्ड से दो हफ्ते के भीतर जवाबतलब किया है। इस मामले की सुनवाई 26 दिसंबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता चत्तर सिंह ने जनहित में याचिका दायर की है। आरोप लगाया गया है कि बिजली बोर्ड ने ठेकेदार को मुनाफा देने के लिए निर्धारित कीमत से 2,000 रुपये अधिक लागत तय की। याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि सोलन जिले में कुल 5,746 खराब मीटर बदलने के लिए 12 मार्च 2018 को कुशाल इलेक्ट्रिकल्ज को ठेका दिया गया।

प्रति मीटर बदलने के लिए 2,171 रुपये तय किए गए। इस तरह 1.26 करोड़ रुपये की राशि ठेकेदार को अदा की गई। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि 11 अप्रैल 2018 को इसी तरह का ठेका किन्नौर जिले का दे दिया गया। वहां एक मीटर बदलने के लिए सिर्फ 211 रुपये की राशि तय की गई। किन्नौर में कुल 19,357 मीटर बदलने पर सिर्फ 41 लाख रुपये की खर्च हुए। आरोप लगाया गया कि बोर्ड ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए मीटर बदलने पर अधिक कीमत तय की। अदालत को बताया गया कि इस बात की जानकारी याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से प्राप्त की। अदालत से गुहार लगाई है कि इस मामले में जांच किए जाने के आदेश पारित किए जाए और बोर्ड के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

कुमारहट्टी में मल्टी स्टोरी निर्माण मामले में सुनवाई कल
कुमारहट्टी के समीप मल्टी स्टोरी निर्माण मामले की सुनवाई 16 दिसंबर को निर्धारित की गई है। बुधवार को इस मामले में बहस पूरी न होने के कारण में सुनवाई स्थगित की गई। मामले को मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने 10 सदस्यीय हाई पावर कमेटी का गठन किया है। प्रधान सचिव टीसीपी को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। यह कमेटी पूरे प्रदेश में टीसीपी अधिनियम लागू करने के लिए संभावनाएं तलाशेगी। अदालत ने यह जानकारी शपथपत्र के माध्यम से अदालत को देने के आदेश दिए थे।

बता दें कि कुमारहट्टी के समीप 6 किलोमीटर में सड़क के दोनों तरफ बड़े पैमाने पर किए गए भवन निर्माण के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। आरोप लगाया गया है कि खील-झलाशी गांव से कैंथरी गांव तक बड़े -बड़े भवनों का निर्माण किया गया है। इसके लिए पहाड़ी को काटा गया है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि जानमाल का खतरा भी बना रहता है। अदालत ने इस मामले पर टाउन एंड कंटरी प्लानिंग विभाग से जवाब तलब किया था। टीसीपी विभाग ने अपने जवाब में बताया था कि वैसे तो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम पूरे प्रदेश में लागू है। लेकिन संबंधित क्षेत्र प्लानिंग क्षेत्र में नहीं आता है। इस क्षेत्र में टीसीपी अधिनियम लागू नहीं होता।

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